ताल्लुकातों से शादमानी है
बदनसीबी जो बदगुमानी है
कीमत काफिर की हमने जानी है
उसूल उसका बेईमानी है
पैमांशिकन इस ज़माने में
दस्तूर ऐ उम्मीद भी बेमानी है
फ़र्ज़ निभाए न आशनाई के
सो हकों पे भी पशेमानी है
वक्ते ऐ रुखसत किये वादे की
अब तो शिद्दत ही आजमानी है
शब्दार्थ
शादमनी = खुशियाँ
काफिर = ईश्वर के वर्चस्व को नकारने वाला
पैमांशिकन = वादे से मुकरना
आशनाई = प्रेम