शनिवार, 7 जनवरी 2012



प्रतीक्षारत... अनवरत
अपेक्षाकृत...जागृत
निश्चयता, स्थिरता
सर्वथा मानवीय... चिराकाँक्षा ....
- आशा, सुख से जीने की आशा.....
...वन्दना...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपकी प्रतिक्रिया निश्चित रूप से प्रेरणा प्रसाद :)