निंदा और आवेश भरे स्वर....
हो जाते हैं जब मुखर....
कैसे जगाएंगे समुदाय....
और कैसे दूर करें,
.......अन्याय.....
परिपक्व हो यदि विचार...
फिर रौशन होगा जग संसार...
फिर रौशन होगा जग संसार...
हो जाते हैं जब मुखर....
कैसे जगाएंगे समुदाय....
और कैसे दूर करें,
.......अन्याय.....
परिपक्व हो यदि विचार...
फिर रौशन होगा जग संसार...
फिर रौशन होगा जग संसार...
...वन्दना....
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