मंगलवार, 24 जनवरी 2012

यादें....

यादों की बेनजीर नजीरें.... उफ़ और आह !!!! 
कभी सबब गम का तो कभी दे गम से पनाह....
....वन्दना....

3 टिप्‍पणियां:

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  2. वाह ............ क्या झंझोड़ दिया हैं अंतर्मन को इतने खुबसूरत अल्फाज़ प्रभु आप पर यह रहमत बनाये रखें ..................

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आपकी प्रतिक्रिया निश्चित रूप से प्रेरणा प्रसाद :)