"शब्द संवेदन" संवेदन शील मन से निकलने वाले शब्द जो स्वरुप ले लेते हैं कविता का, ग़ज़ल का,नज़्म का... लेखनी के सहारे,अभिव्यक्ति का आधार हमारे शब्द संवेदन इंसानी जीवन की अहम् जरूरत हैं. और अभिव्यक्ति वाकई जीवन को हल्का,सहज और सरल बना देती है.बेशक महज़ आत्मसंतुष्टि के लिए नहीं बल्कि जिंदगी के अनुभव भी ,चाहे खट्टे हो या फिर मीठे,संवेदनाओं को शब्दों में पिरोने और अभिव्यक्त करने के साथ ही हमारे सोच विचारों के झंझावातों में फंसे दिल और दिमाग को शांत कर देते हैं. "शब्द संवेदन" पर आप सभी का स्वागत है.
वाह ...लाजबाब शेर ..
जवाब देंहटाएंएक शेर अख्तर शीरानी जी का
में बेवफा सही ,मुझे दादे-वफ़ा न दे !
मेरी खता को अपने करम से सिला न दे ||
बहुत खूब ........
जवाब देंहटाएंग़ालिब ने भी क्या खूब फ़रमाया .....
कैदे हयात ओ रंजो गम असल में दोनों एक है
मौत से पहले जिन्दगी गम से निजत पाए क्यों
बहुत खूब ........
जवाब देंहटाएंग़ालिब ने भी क्या खूब फ़रमाया .....
कैदे हयात ओ रंजो गम असल में दोनों एक है
मौत से पहले जिन्दगी गम से निजत पाए क्यों
बहुत खूब ........
जवाब देंहटाएंग़ालिब ने भी क्या खूब फ़रमाया .....
कैदे हयात ओ रंजो गम असल में दोनों एक है
मौत से पहले जिन्दगी गम से निजत पाए क्यों
विसाले ख्वाब की जुस्तजू में
जवाब देंहटाएंहर शब् ही आँखों के ग़म उठाऊँ
waah!!! kya khoob kaha hai...