बुधवार, 6 जून 2012

तिश्नगी से जो इज्तिराब है,
जायका.ऐ.अश्क लाजवाब है!!!


इक यादे अय्यामे गुजिश्ता के मतलूब,
कमबख्त तलब से तबाह जोशे ख्वाब है...
.....वन्दना.....

2 टिप्‍पणियां:

  1. इक यादे अय्यामे गुजिश्ता के मतलूब,
    कमबख्त तलब से तबाह जोशे ख्वाब है..

    aur jaayka e askk... kya khoob kya khoob!!!

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आपकी प्रतिक्रिया निश्चित रूप से प्रेरणा प्रसाद :)