१.
अर्थमय सा
दिव्य सृजन होता
बरसात का...
दिव्य सृजन होता
बरसात का...
२.
कच्ची दीवार
और ये पगडंडी
लो गाँव बसा
और ये पगडंडी
लो गाँव बसा
३.
"शब्द संवेदन" संवेदन शील मन से निकलने वाले शब्द जो स्वरुप ले लेते हैं कविता का, ग़ज़ल का,नज़्म का... लेखनी के सहारे,अभिव्यक्ति का आधार हमारे शब्द संवेदन इंसानी जीवन की अहम् जरूरत हैं. और अभिव्यक्ति वाकई जीवन को हल्का,सहज और सरल बना देती है.बेशक महज़ आत्मसंतुष्टि के लिए नहीं बल्कि जिंदगी के अनुभव भी ,चाहे खट्टे हो या फिर मीठे,संवेदनाओं को शब्दों में पिरोने और अभिव्यक्त करने के साथ ही हमारे सोच विचारों के झंझावातों में फंसे दिल और दिमाग को शांत कर देते हैं. "शब्द संवेदन" पर आप सभी का स्वागत है.
बहुत उम्दा हाइकु
जवाब देंहटाएंbahut badhiya... aur bhi jaldi padhne ko milenge esi aasha hai...
जवाब देंहटाएं