"शब्द संवेदन" संवेदन शील मन से निकलने वाले शब्द जो स्वरुप ले लेते हैं कविता का, ग़ज़ल का,नज़्म का... लेखनी के सहारे,अभिव्यक्ति का आधार हमारे शब्द संवेदन इंसानी जीवन की अहम् जरूरत हैं. और अभिव्यक्ति वाकई जीवन को हल्का,सहज और सरल बना देती है.बेशक महज़ आत्मसंतुष्टि के लिए नहीं बल्कि जिंदगी के अनुभव भी ,चाहे खट्टे हो या फिर मीठे,संवेदनाओं को शब्दों में पिरोने और अभिव्यक्त करने के साथ ही हमारे सोच विचारों के झंझावातों में फंसे दिल और दिमाग को शांत कर देते हैं. "शब्द संवेदन" पर आप सभी का स्वागत है.
dard bhare bheege bheege shabd...
जवाब देंहटाएंkya baat hey !
क्या बात है ... सुनो, सब कुछ कह दिया, फिर कुछ अधूरा रह गया ..
जवाब देंहटाएंसंवेदनशील और भावपूर्ण प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंसुनो न ...सीलेपन के अवशेष में ही पूर्णता है ...ध्यान से देखो ..तृप्ति वही कहीं है ..वहीँ उसी अधूरेपन में .. मन तभी तो वही भागता है .....पूर्णता तो ... कुछ शेष ही नहीं रहने देती ...
जवाब देंहटाएंसुकोमल सी ..अपनी सी ..नम सी अभिव्यक्ति ...स्नेहाशीष वंदना
शब्द शब्द भावना लिए हुए ...बहुत खूब
जवाब देंहटाएंआप सभी का हृदय से आभार !
जवाब देंहटाएंVery nice lines...
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली कलम है आपकी ..
जवाब देंहटाएंबधाई !