"शब्द संवेदन" संवेदन शील मन से निकलने वाले शब्द जो स्वरुप ले लेते हैं कविता का, ग़ज़ल का,नज़्म का... लेखनी के सहारे,अभिव्यक्ति का आधार हमारे शब्द संवेदन इंसानी जीवन की अहम् जरूरत हैं. और अभिव्यक्ति वाकई जीवन को हल्का,सहज और सरल बना देती है.बेशक महज़ आत्मसंतुष्टि के लिए नहीं बल्कि जिंदगी के अनुभव भी ,चाहे खट्टे हो या फिर मीठे,संवेदनाओं को शब्दों में पिरोने और अभिव्यक्त करने के साथ ही हमारे सोच विचारों के झंझावातों में फंसे दिल और दिमाग को शांत कर देते हैं. "शब्द संवेदन" पर आप सभी का स्वागत है.
बहुत खूब ...!
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मन में द्रवित एहसास …
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आदरणीया डॉ.वंदना सिंह जी
सस्नेहाभिवादन !
सुंदर रचनाएं हैं आपके ब्लॉग पर कविताएं भी ,
ग़ज़ल भी ! आलेख भी
बधाई और मंगलकामनाओं सहित…
- राजेन्द्र स्वर्णकार
bahot hi marmsparshi kavitayen likhi hai vandana ji aapne.... aapko shubhkamnayen!!!!!
जवाब देंहटाएंheart touching.
जवाब देंहटाएं... प्रशंसनीय रचना - बधाई
जवाब देंहटाएंगागर में सागर।
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